नेमा समाज के गौरव, आज के इस संकट के दौर में अपने कर्तव्य पथ पर पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ देहली पुलिस में अधिकारी के पद पर पदस्थ बहादुर स्वजाति बंधु एवं “नेमा दर्पण” के संचालक #श्री_प्रशांत_नेमा_जी से जो कि वर्तमान में Insp Dehli Police Posted as SHO Mandawali है।अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निर्वहन करते हुए मानव सेवा में भी निरन्तर लगे हुए है। आप पूरे नेमा समाज के लिए गौरव का विषय है सर्व प्रथम “नेमा दर्पण” परिवार और समस्त नेमा समाज की ओर से आप का आत्मीय_अभिनंदन है।
श्री प्रशांत नेमा जी की सामाजिक रुचि प्रारम्भ से ही रही है 10 मई 1995 को आप ने दिल्ली पुलिस ज्वाइन किया दिल्ली पुलिस ज्वाइन करने के बाद यहां कोई सामाजिक संस्था ना कोई संपर्क सूत्र था I आप के पास देहली में निवास रत दो-तीन नाम की जानकारी जिसमे श्री हरिराम नीमाजी जो कि फरीदाबाद रहते थे, श्री एमपी नेमा जी उसके बाद राजकुमार नेमा जी की जानकारी मिली इसी बीच डॉक्टर नायक जी का नाम पता चला जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। आप ने सामाजिक बंधुओ को एकजुट करने और सामाजिक सक्रियता हेतु देहली में पहली बार इंडिया गेट पर 1997 मिलन समारोह आयोजित किया। आप के सफल प्रयास से दिल्ली में नेमा समाज की स्थापना हुई। उसके बाद समाज मे निरन्तर संपर्क प्रारम्भ हुआ सभी जनों ने वर्ष में कम से कम एक आयोजन का संकल्प भी लिए जोकि आप के प्रयास से श्री हरिराम जी नेमा के संरक्षण में जारी है। आप ने बताया कि आज सामाजिक रूप से नई पीढ़ी का परिचय आवश्यक है जिससे उनमे समाज के प्रति लगाव पैदा होता है इस लिए जब भी अवसर मिलता है तो सभी समाज जन एकत्रित होने का अवसर नही छोड़ते है एवं सभी ने नेमा समाज का एक फंड भी बना रखा है।
इस महानगर के व्यस्त जीवन मे सामाजिक बंधुओ से मिलने और उन्हें सहयोग करने के लिए आप सदैव तत्पर रहते है।

आप ने “नेमा दर्पण” के द्वारा समाज को जोड़ने के प्रयास को बहुत ही अनूठा कदम बताते हुए कहा कि आज हिंदुस्तान के जितने भी विश्व में नेमा है वह आपस मे जुड़े हैं सब एक दूसरे को देखते हैं अपनी बातें शेयर करते हैं अपनी सूचना शेयर करते हैं यह मीडिया माध्यम आज के टाइम में इतना सशक्त माध्यम है उसको आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते , कहां तक है I उदारण के तौर पर आज नरसिंहपुर में कोई घटना होती है तो अमेरिका में बैठे हुए भाई को भी पता चल जाता है कि क्या घटना हुई है और परिजनों के संपर्क में आ जाता है।

आप का जन्म 19 जून 69 को जबलपुर में हुआ।आप के पिता स्वर्गीय राधेश्याम जी नेमा और माताजी श्री चंद्रकला जी नेमा दोनों ही शिक्षक थे। आप ने प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा M Sc (Maths ) जबलपुर मध्य प्रदेश में पूर्ण की।प्रारभिक दौर में आप ने अपने बड़े भाई श्रीकांत नेमा जी की कोचिंग क्लास में सहयोग किया। घर पर ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर 1993 में स्टाफ सिलेक्शन कमिशन दिल्ली पुलिस में एसआई की परीक्षा में सफल हो 1995 से आज भी सेवा में कार्यरत है।
आप का विवाह 2000 नरसिंगपुर के बड़े घर के श्री द्वारिका प्रसाद डीजीएम एसबीआई और श्रीमती अनुराधा नेमा के बेटी सारिका नेमा के साथ संपन्न हुआ
आप ने विगत दिनों श्री नितिन नेमा जी के द्वारा नेमा दर्पण के माध्यम से जो सचिन नेमा के इलाज हेतु मदद की निश्चित ही इस कार्य की सराहना की है। आप का मानना है कि नेमा दर्पण का प्रयास और समाज को जोड़ने कर संवाद स्थापित करने का ही परिणाम है कि दूर दूर बैठे सामाजिक बंधु सामाजिक प्रतिभाओ और त्वरित जानकारी से अवगत हो रहे है।
“नेमा दर्पण” के आयोजन एक से बढ़कर एक हैं वह अपने आप में एक ऐसा मंच हैं जिसकी तलाश हमारे नौजवानों और बच्चों को रहती है
वैसे वर्तमान समय मे आप की व्यस्तता और कार्य के प्रति जबाबदारी निश्चित चुनोती पूर्ण है और आप का ध्यान भी उस ओर केंद्रित है परंतु इसमे से भी कुछ समय निकाल कर आप नेमा दर्पण पर सक्रियता बनाये हुए है आप की सभी सामाजिक बंधुओ से यह भी अपील है कि वे अपने कम से के। 5 स्वजातीय बंधुओ को नेमा दर्पण से अवश्य जोड़े।
प्रसन्नता है कि आज नेमा समाज मे “नेमा दर्पण” जो सशक्त संवाद माध्यम के रूप में स्थापित हुआ है उसमें श्री प्रशांत नेमा जी का विशेष योगदान है “नेमा दर्पण” परिवार आप का पुनः आत्मीय अभिनंदन करते हुए उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है।