नेमा समाज के सशक्त संवाद मध्याम नेमा दर्पण की बुनियाद में भेट करने जा रहे है जबलपुर निवासी “नेमा दर्पण” की संचालक एवं हर प्रमुख तीज त्योहार पर उनके महत्व एव जानकारी से अवगत कराने वाली #श्रीमति_भारती_नेमा से,आप कुशल ग्रहणी है के साथ साथ पारिवारिक जिम्मेदारी निर्वहन करते हुए आप के द्वारा काव्य रचनायें का श्रजन भी निरंतर जारी हैं। इस के लिए 2019में पूर्ण “श्री फाउंडेशन उज्जैन” द्वारा “नारी शक्ति सम्मान” से आप को सम्मनित भी किया गया है। लेखन के साथ साथ चित्रकला के क्षेत्र में भी आप की रुचि है
आप ने बहुत ही कम समय मे अपने आध्यात्मिक विचारो से दर्पण में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। श्रावण मास में प्रतिदिन रामचरित मानस की संक्षिप्त व्याख्या से नेमा दर्पण में लिखना प्रारम्भ किया था। आप का नियमित कालम “हमारे व्रत एवं त्यौहार” नियमित रूप से जारी है जिसमे प्रत्येक त्योहार एवं व्रत पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है जिसे अध्यात्म में रुचि रखने वालों ने काफी पसंद भी किया है।
स्व.श्री श्याम बिहारी नेमा की पुत्री के रूप में 07 अप्रेल1980 जबलपुर में जन्म लिया एवं जबलपुर में ही आप की उच्च शिक्षा MBA एवं MA ड्राइंग एंड पेंटिंग में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से प्रथम स्थान प्राप्त कर किया।
आप का विवाह श्री संतोष नेमा जी के साथ जबलपुर में हुआ।
आप ने बताया कि नेमा दर्पण से जुड़कर बहुत सुखद अनुभव हुए है बहुत गर्व महसूस होता है जब कोई मिलता है और कहता है कि आप वोही “नेमा दर्पण” वाली भारती नेमा हैं। संचालक मंडल के सभी सदस्य सकारात्मक ऊर्जा से भरे और स्पष्टवादी हैं। सबके अपने विशेष ज्ञान के क्षेत्र हैं।आप ने संचालक मंडल में भी कार्य का अनुभव किया कि “सबसे अच्छी बात यह है कि कोई किसी को पीछे धकेलने का प्रयास नहीं करता है।सब मिलकर समाज को नई दिशा देने में प्रयासरत हैं।”
आप ने दर्पण के माध्यम से समाज को अपने संदेश में कहा कि “मैं समाज के लिए बस इतना ही कहना चाहूंगी जो मेरे पिताजी हमेशा कहा करते थे कि –जिंदगी में कभी भी अपना मनोबल मत टूटने दो। अपना मन अच्छा रखो और अपना काम करते चलो। भगवान जी साथ देते हैं।”
निश्चित ही आज नेमा समाज मे
“नेमा दर्पण” जो सशक्त संवाद माध्यम के रूप में स्थापित हुआ है उसमें श्रीमति भारती नेमा का विशेष योगदान है इस अवसर पर “नेमा दर्पण” परिवार आप का आत्मीय अभिनंदन करते हुए उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना कर