मुम्बई निवासी “नेमा दर्पण” की संचालक श्रीमती रितु नेमा से जिनके द्वारा “एक छोटी सी कहानी” कलम से प्रति गुरुवार प्रेरणादायी कहानी के माध्यम से आप सभी से मुखातिब हो रही है श्रवण मास में आप के द्वारा रामायण के पात्रों का सुंदर परिचय से भी हम सभी को अवगत कराया है। धीर गंभीर स्वभाव आप की अमिट पहचान है सफल ग्रहणी होने के साथ साथ आप का अमूल्य समय “नेमा दर्पण” के संचालन में व्यतीत होता है। आप का मानना है कि नेमा दर्पण में कार्य करना घर का ही कार्य करने जैसा है।जिसे मैं पूरी इमानदारी से करने का प्रयास कर रही हूं।आप को इस बात की खुशी है कि इस माध्यम से आप परिवर और समाज से सतत संपर्क बनाने में सफल रही है।
आप अपने गौरान्वित अनुभव करते हुए कहती है कि “नेमा दर्पण में सम्मलित होना मेरे लिए गर्व की बात है ।आप सब के प्रोत्साहन के कारण ही मैं – एक छोटी सी कहानी और रामायण पात्र परिचय देने में अपना योगदान दे पाई। आप सभी का आशीर्वाद और स्नेह ऐसे ही बना रहे।”
आप का जन्म 25 दिसम्बत 81को नरसिंगपुर में हुआ था आप के पिता श्री दिनेश नेमा जी एव माता श्रीमति मीना नेमा जी नरसिंगपुर जिले के ग्राम मेख के प्रतिष्ठित परिवार नन्हीं बाखर से संबंधित है आप के दादा जी स्व.श्री रामचरण जी नेमा जिन्हें मंत्री जी के नाम से जाना जाता है।आप का विवाह स्व.श्री बद्री प्रसाद जी नेमा (तलापर वाले) नरसिंहपुर के सुपुत्र श्री नीरज नेमा जी के साथ सम्पन्न हुआ वर्तमान आप बम्बई में निवासरत है। आप के नाना जी स्व. श्री शंकर लाल जी नेमा (भोले) नरसिंहपुर निवासी थे।
आप ने अपनी उच्च शिक्षा शिक्षा ग्रेजुएशन -बीएससी (बायोलॉजी),
एवं पोस्ट ग्रेजुएट एम ए डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर (MP) से पूर्ण किया है।
आप का मानना है कि “नेमा दर्पण” का परिवार मोती की माला की ही तरह है जिस को सभी संचालक मंडल की अथक मेहनत और समर्पण भाव ने बहुत ही खूबसूरती से पिरोया है। जिसका हर मोती अपने आप में खास है ।मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंइस माला का हिस्सा हूँ।
निश्चित ही आज नेमा समाज मे “नेमा दर्पण” जो सशक्त संवाद माध्यम के रूप में स्थापित हुआ है उसमें श्रीमति रितु नेमा का विशेष योगदान है इस अवसर पर नेमा दर्पण परिवार आप का आत्मीय अभिनंदन करते हुए उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है।